15+ Hindi Poem Lyrics for Kids

Hindi Poem Lyrics

Hindi Poem Lyrics

चमत्कार किए धरती पर
ख़ुदा ने देखो बेशुमार,
कोई ज़िन्दगी भर पैदल चलता है
कोई बचपन से चलता है कार.

कुछ वक़्त के लिए ही सही
प्रभु मेरी भी सुनलो एक पुकार,
लड़की और लड़कों की दुनिया हो अलग
बस इतना सा करदो चमत्कार.
लड़कों को कमी महसूस हो प्यार की
पर लड़कियां वहाँ रहे बेफिक्र.

मैं मांगी थी ये दुआ आपसे
इस बात का ना करना तुम जिक्र,
वरना सब लड़के इकठ्ठे होकर
मुझे बसंती की तरह नचाएंगे.
गर मना किया मैंने तो
मेरी हड्डियों का सब सुरमा बनायेंगे.

मुझे नफरत नहीं है प्रभु किसी से
मैं लड़कियों की इज्जत करवाना चाहता हूँ,
पर रोज बढ़ती दुष्कर्मों की संख्या से
मेरा दिल डरता है और मैं घबराता रहता हूँ.

मनुष्य के कानून तो सब फ़ैल हो गए
तू ही कुदरत का कोई कानून बना दे,
जो भी तोड़े तेरे कानून को फिर
तुम्हे जो लगे जायज उसे वो सज़ा दे.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

 Short Hindi Poem Lyrics

पग-पग डोला है तू यहाँ पर
कुछ ना मिल पाया अब तक,
ना सोचा है गर तुमने तो
जाकर देखो तुम दर्पण.

कमियां है तुममे ही देखो
क्यूँ औरों को कोसता है,
अपने अन्दर झांक कर देख
क्यूँ नहीं आत्म-मंथन करता है.

प्रवेश कुमारपीके

10+ [Best] April Fools Day Quotes and Sayings

===—@@—===

पग-पग डोला है तू यहाँ पर
कुछ ना मिल पाया अब तक,
ना सोचा है गर तुमने तो
जाकर देखो तुम दर्पण.

कमियां है तुममे ही देखो
क्यूँ औरों को कोसता है,
अपने अन्दर झांक कर देख
क्यूँ नहीं आत्म-मंथन करता है.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Hindi Poems Lyrics To My All Friends

हुक्के की गुड़-गुड़ सुन
जी मेरा ललचाये,
इसको पीने की खातिर
दिल आतुर हो जाये.

गुड़-गुड़ सुनते ही दिल बोले
चल-चल चल हुक्का भरले.
घर में हुक्का मेरे पास नहीं है
चल दोस्त के पास यही सही है.

दोस्त को जाकर ये समझाऊ
चल मिलके घूट लगाएँ,
दोस्त बोला पापा मेरे घर पर हैं
हुक्का भंरू तो डंडा मेरे सर पर है.

निराश होकर घर पर आऊँ
अपने दिल को ये समझाऊँ.
हुक्का पीना बुरी बला है,
ये बीमारी कैंसर से भरा है.

दिल मेरा ये बात समझ जाए.
हुक्के को न कहकर मुझको बचाए.
दोस्तों तुम भी तम्बाकू मत पीना
अगर हो तुमको स्वस्थ जीना.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Hindi Poems Lyrics On Women

मीलों जाकर पानी लाए
घर में सबकी प्यास बुझाये
फिर भी देखो इज्जत न पाए, औरत जी ……..

आदमी चाहे कुछ ना करे
पानी फिर भी औरत भरे
जिंदा रहे चाहे मरे, औरत जी……………………

बिन पानी खाना ना पके
हम में से कोई नहा न सके
हम सब को जिंदा है रखे, औरत जी…………..

पानी और औरत के बिना
मुश्किल है हमारा जीना
फिर भी इसको कोई घमंड ना, औरत जी………

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Hindi Love Poems On Girlfriend

कहाँ गई तुम मुझे एक बार दर्शन देकर
बना दिया मुझे प्रेम पुजारी.
आ जाओ मेरे सामने अपनी मुस्कान लेकर
दूर करदो अब मेरी बीमारी.

तेरे प्यार में मैं पागल सा हो गया हूँ,
तुझे ढूंढता-ढूंढता रो रहा हूँ.
कहाँ खो गई ऐ मेरे दिल की तमन्ना
बन गई हो तुम मेरी “तृष्णा”.

तुझे पेड़ पत्तों में ढूंढता हूँ
नदियों, झरनों में खोजता हूँ,
ख्वाबों, ख्यालों में तुझे ही सोचता हूँ.
ना मिलने पर दीवारों को नोचता हूँ.

थोड़ी सी तो मेरी फ़िक्र कर
मैं रो-रो कर दिन काट रहा,
किसी से तो तू मेरा जिक्र कर.
मैं बैठ बैठ कर रात जाग रहा.

सच्चे प्यार की तू पहचान कर
मैं दिल से तुझे पुकार रहा
आकर मेरा तू हाथ थाम,
मैं पागलखाने की और भाग रहा.

मेरा दिल तो तेरे पास है
मैं तो बिन दिल के जी रहा हूँ.
बस तेर मिलने की ही आस है
वरना मैं तो पल-पल मर रहा हूँ.

मेरा प्यार है बिलकुल पवित्र
तुझे भगवान् की तरह ढूंढा करता हूँ,
तुझसे मिलने के लिए हूँ मैं आतुर
रोज तेरी ही पूजा करता हूँ.

तू जो ना मिली मुझे कल तक
फिर कल मुझे है मरना,
पर अगले सात जन्मों तक
तू ही रहेगी मेरी “तृष्णा”.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

World Peace Poem In Hindi

एक बार पद गया मुझे एक जयन्ती में जाना,
वहां पर थे जंतुओं के प्रकार नाना-नाना.
बुजुर्गों से लेकर कॉलेज के विधार्थी युवा.
टेंट कुर्सियों का था बंदोबस्त पंखे दे रहे थे हवा,
हर बुजुर्ग के हाथ में थी गेंदे के फूलों की माला.
जिसे था उन्हें किसी की प्रतिमा पर चढ़ाना.

अजीब होती है ये जयंती की दास्तान
लोग माला लिए मौन खड़े होते हैं.
जो कल मरा है उसे भूलकर
सालों पहले मरे हुए को रोते हैं.

कहते है समय नहीं किसी के पास
और ये वाहियात तरीके से समय खोते हैं.

फिर एक नोजवान आया मंच पर
बोला हम बुजुर्ग और तुम युवा हो,
हमारे पास तो बस कानून है,
तुम्हारे पास जोश और जूनून है.

तुम्ही देश के आने वाले नेता हो.
कहने वाले ये क्यूँ भूल जाते हैं
वे भी कभी युवा थे
बुजुर्ग तो बाद में होते हैं.

भीड़ बुलाने का उनका अंदाज़ था निराला
क्योंकि अखबार में था उनको अपना फोटो छपवाना.
और कहते हैं हमने जयंती मनाई
उनकी याद में हमारी आँख भर आई.

इस तरह से वो ढोंग रचाते
घर जाते ही बीवी से लड़ते और बाहर,
शांति से रहने का आश्वासन दे जाते.

अगर आज होती पूंछ आदमी के पास
और मेरे पास कुछ जादू ख़ास
मैं ऐसे आदमियों की पूंछ में आग लगाता
और कहता, जयंती तुम बाद में बनाओ
अगर है तुम्हारे पास हुनर तो
हनुमान की तरह आग बुझाओ.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Best Hindi Poem Lyrics On God

उदास शाम में बैठा हूँ मैं हार थक के,
सोना चाहता हूँ मैं किसी गोद में सर रख के,
जहाँ ना रौशनी हो ना अंधकार हो,
ना किसी मंजिलों का इंतजार हो,
ना ख़ामोशी हो ना शौर का संसार हो,
ना दुश्मनी हो किसी से ना किसी से प्यार हो,
ना अकेलापन हो ना कोई भीड़ हो,
ना जगता रहूँ ना कोई नींद हो,
ऐसी कोई अवस्था हो,
जिसमे इन सबसे अलग कोई व्यवस्था हो,
ना संसार का मैं प्राणी रहूँ,
ना दुसरे गृह में वास करूँ,
बस ऐसा कोई आवास हो
जहाँ मैं सदा भगवान् का दास रहूँ.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Hindi Poem Lyrics For Student

मुझे गले लगाकर अपने सारे गम भूलाते हैं.
बेशक मेरा साथ हो कुछ पल का लेकिन
मेरा साथ पाकर सब झूमते और गाते हैं.

किताब बोली……………….
तेरा साथ पाकर सब शर्म-हया खो देते हैं.
तेरा साथ छुटता है तो खुद पर ही रो देते हैं.
तेरे साथ सब मेरे शब्द ही गाते हैं, ये सोच
कि तेरे साथ होकर भी कहाँ मुझे छोड़ पाते हैं.

सदियों से मैं सबका साथ निभाती आई हूँ,
जो भी भटका है उसको राह दिखाती आई हूँ.
तूने तो लोगों को उजाड़ा और रुलाया है,
मैंने तो रोते हुए को हँसना सिखाया है.

दारु और किताब में जंग अभी भी जारी है.
किसको है जिताना ये जिम्मेदारी हमारी है.
जो चुनेगा सही रास्ता मंजिल को पा जायेगा
वरना तो संसार में ही चक्कर खायेगा.

दारु पीने वाला तो खोता है और रोता है.
वक़्त से पहले ज़िन्दगी से हाथ धोता है.
किताबों में छुपे ज्ञान को जिसने ना पाया,
वो सच्चे अर्थों में कहाँ इंसान होता है,

कोई बढ़ा न पाया एक कदम भी
कोई पहुँच गया हिमालय,
आपको जाना है कहाँ आपको तेय करना है,.
एक और है मदिरालय एक और पुस्तकालय.

प्रवेश कुमारपीके

50+ Best Ghazal Collection

===—@@—===

Hindi Poem Lyrics On Social Issues

मैं ये सोच-सोचकर हूँ परेशान,
आखिर कब जाऊँगा मैं शमशान,
क्योंकि दुनिया से मैं छिक गया
यहाँ सबका चरित्र बिक रहा.

कलयुग ने की है ऐसी ठिठोली
किसी का सिरदर्द,
किसी के लिए सिरदर्द की गोली.

सब सब पैसे के पीछे भाग रहे
चाय पी-पीकर सुबह जाग रहे,
पहले आदमी उठते ही पानी पीता था,
इसीलिए तो सो साल तक जीता था.

पहले लड़की को देवी कहते थे,
आज उसका देवत्व भी दाव पर है,
पहले धन-दौलत ही बिकता था
आज सबका चरित्र भी दाव पर है.

पैसे से ही दिल मिलता है.
कोई मुल्य नहीं चरित्र का,
पैसे के लिए तन बिकता है
कुछ भी नहीं है आज दरिद्र का.

आज सब पैसे को पूजते हैं,
पैसे को ही मानते भगवान्,
इसलिए तो दुखों से झुझते हैं
तभी तो पैसे वालें है बदनाम.

अगर लोग यूँ ही पैसे के पीछे पड़े रहे
अपनी-अपनी जिद्दों पर अड़े रहे
तो ऐसा दिन भी आएगा
आज भाई भाई को मरता है,
फिर बेटा माँ-बाप पर तलवार चलाएगा.

आज आदमी पशु को खाता है,
फिर पशु आदमी को खायेगा.
जब इअसा दिन आएगा
आदमी अपनी करनी पर पछतायेगा
पर कर कुछ नहीं पायेगा
सिर्फ तड़प तड़प कर मर जायेगा.

अभी भी वक़्त है जाग जाओ,
पैसे के लालच का त्याग करो,
सबको प्यार से गले लगाओ
मनुष्य से ही प्यार करो
हिन्दू धर्म की लाज बचाओ.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Hindi Poem Lyrics On India

लोकतंत्र हो या प्रजातंत्र
अपने देश में चलता है भ्रष्ट-मंत्र,
जनता देश की भूखी है
नेताओं के घर भरें है,
इमानदार अकेले खड़े हैं,
बेईमानों के दल बने हैं.
गुन्हेगार नेताओं की गोद में पलते हैं.
बेगुनाह यहाँ जेलों में सड़ते हैं.

जान-पहचान है तो सब हासिल है,
और गरीब का यहाँ हाल बद्द्तर है
गरीब के पास सब होते हुए भी चालन कटते हैं,
जान-पहचान वाले बिन हेलमेट चलते हैं.

मौत कोई भेदभाव नहीं करती तो
ये वर्दी वाले क्यूँ भेद भाव करते हैं.

पैसे वाले का आज बोलबाला है,
गरीब के मुँह पर ताला है.
कानून बनाने वाले कानून तोड़ते हैं,
हर जुर्म को पैसों में तोलते हैं.

सात साल की सज़ा पाते हैं बलात्कारी
जेल से निकलते हैं बनकर सरकारी.
बलात्कारी को क्यूँ नहीं देते ऐसी सज़ा कि
ज़िन्दगी में ना कर सके वो ऐसी खता.

खुनी को ना तुम माफ़ करो
ऐसी गन्दगी को दुनिया से साफ़ करो.
पैसे वाले कानून को समझते हैं अपनी दासी
भ्रष्टाचारी को क्यूँ नहीं देते फांसी.

अगर अपना देश ऐसा बन जाए,
तो दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति पाए.

प्रवेश कुमारपीके

===—@@—===

Poem On Environment In Hindi

मैं सुबह उठा आज देर से
खुद को कुछ बिखरा पाया,
नया था सबकुछ या वही था,
कुछ न कुछ तो जरुर हुआ था,
मैं बेकार ही उदास ना था.
कुछ भी मेरे पास ना था.

हैरत हुई मुझे खुदपर
दिमाग भी खाली
जेब भी खाली
दिल में बस थोडा कोलाहल था.
अजीब सा शौर था
आज मैं, मैं ना था
शायद कुछ और था.

सबकुछ मुझे लगा था
जैसे पहली बार है देखा,
या अबतक देखकर भी
कर रहा था अनदेखा.

दुनिया में कितना दुःख है
उसमे भी गरीब को सूख है,
ये तो अमीर की समस्या है
जेब भरी है दिल खाली है,
हर कोई पैसे का रखवाली है.

ज्यादा की सबको ही चाहत है
जितना है उसमे कहाँ संतुष्ट है.
सब कहते हैं नेता भ्रष्ट है
इसलिए जनता को कष्ट है.
आज देखा मैंने एक और सच है.

Hindi Poem Lyrics

कुदरत के कानून में भी
यहाँ होता अन्याय है,
मेहनत को हराकर किस्मत
यहाँ अपने पैर जमाये है.

अच्छी किस्मत वाले को
मेहनत की ज़रूरत नहीं,
मेहनत करने वाला यहाँ
किस्मत को तरसता है.

सूखे खेत अम्बर और
मुँह उठाये खड़े हैं,
पर पानी तो हमेशा
मिट्टी के मकानों पर बरसता है.

कोई मेहनत करता मर जाता
पर हासिल कुछ ना होता,
आंधी, तूफ़ान में गरीब ही मरता
महलों में कुछ ना होता.

लायक होते हुए भी कोई
नालायक ही समझा जाता है.
अमीर का चोर बेटा भी
इज्जत से नवाजा जाता है.
जब उपरवाले ने ही भेदभाव किया है
तो नेताओं का क्या दोष है,
बेचारी जनता बेवजह लड़ती
मुझे तो बस इतना सा अफ़सोस है.

बहु बेटियाँ सबकी एक बराबर
ये यहाँ कोई नहीं मानता
कौनसा नशा है कि इंसान यहाँ
अपनों को भी नहीं पहचानता.

ऊँच-नीच और धर्म-जाति
के नाम पर अपना देश बट गया,
हिन्दू को खून चाहिए था
देखो मुस्लिम पीछे हट गया.

एक जैसा है सबका शारीर
खून का रंग है सबका लाल,
शारीर ही है शारीर का दुश्मन
देखो इंसानियत का कमाल.

पापियों को मिटने धरती पर
हमेशा भगवान् आयें हैं.
कलयुग में राम रहीम सब चुप हैं
ये उपरवाले का अन्याय है.

प्रवेश कुमारपीके