30+ Best Ghazal Collection of All Time

Best Ghazal Collection In Hindi

क्या ये कमरे मे प्रकाश डिम है या,
आईने में मेरा उलटा प्रतिबिंब है।

मैं पूछता हूँ उस से दाहिना हाथ उठाकर,
कि ऐ दोस्त कौन हो तुम ?

वो प्रत्युत्तर में बाँया हाथ उठाता है और,
मुझ से प्रश्न करता है कि भाई तुम कौन हो ?

असमंजस में पड़ने का सवाल नहीं है।
क्या इस आईने जैसा दुनिया का हाल नहीं है।

हरेक व्यक्ति को दूसरा यहाँ उलटा लगता है,
मुझे बताओ कौन है यहाँ जो सीधा चलता है।

दूसरों को उलटा देखना बंद करो,
पहले खुद की गलतियां दफन करो।

ये जो सब तुम्हें उलटे लगते हैं,
असल में ये सब तुम्हारे प्रतिबिंब हैं,

देख कर सबको खुद को बदलो
ये सब तुम्हारी प्रगति के चिन्ह हैं।

ये सोचकर निकल
आगे बढ़ गिर के संभल।

सफलता तेरे कदम चूमेगी
स्रष्टी भी संग तेरे झूमेगी।

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Sad Bewafa Ghazal In Hindi

वक़्त की ना हो कदर जहाँ पे,
नफरत बहूत है मुझे उस जगह से.

अब नहीं रखता नजर मंजिल पर मैं,
रख लिया है मंजिल को ही दिल में सजा के.

अब जाकर मौत का डर ख़त्म हुआ,
हादसों में कई बार अपनी जान बचा के.

तसुव्वर उसके प्यार का अब भी है मुझे, पर,
अब इश्क़ में कदम रखता हूँ संभल-संभल के.

खुशियों की खातिर हमने प्यार किया.
पर गम ही मिला है मुझे इश्क़ करके.

अब नहीं होता विश्वास परछाइयों पर भी,
खायें हैं जब से मैंने सायों से धोखे.

प्रवेश कुमारपीके

Funny Shero Shayari in Hindi

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True Dard Bhari Ghazal

हाय इश्क़ में मैंने अपना नाम तक बदल डाला,
थी वो एक नवयौवना एक सुन्दर सी बाला।

नैन नक्श थे प्यारे-प्यारे रंग था उसका साँवला,
मेरी मतमारी गई थी मैं हो गया था बावला।

उठने-बैठने, नहाने-धोने का सब वक्त बदल डाला,
आना जाना अब हर जगह उसके हिसाब से कर डाला।

घर पे अक्सर वो रहा करती थी अकेली,
ढूंढने पे भी उसकी हमें मिली ना कोई सहेली।

सारा समय अपना वो फेसबुक पे बिताया करती थी,
हमसे कतराती थी मगर फेसबुक पे जाने किस से बतलाया करती थी।

एक दिन उसकी फेसबुक आई डी मुझको खुली मिल गई,
उसके प्रेम-प्रसंगो की उस दिन सारी पोल खुल गई।

इंटरनेट पर उस के एक से ज्यादा फ्रेंड थे ,
प्यार करने के उसके कुछ अडल्ट से ट्रेंड थे।

सोने से पहले इंटरनेट पे जाने कैसी बातें करती थी,
फिर देर तक वो बिस्तर पे करवटें बदला करती थी।

महँगा पड गया था मुझको इश्क़ का ये सौदा,
उस दिन पता चला एक से उसका क्या होगा।

गलती हुई मुझ से कि उससे मैं प्यार कर बैठा सच्चा,
उसने मुझको समझ लिया इश्क के स्कूल का बच्चा।

एक बार वो मुझको अपनी ज़रूरत बतला देती,
मेरे सिवा फिर वो किसी का नाम नहीं ले पाती।

उसके प्यार करने का तरीका ही था खराब,
कुछ दिन मैंने गम में पी थी थोड़ी शराब।

अक्ल आयी तो पता चला गलती हो गई भारी,
जिसे मैंने प्यार समझा वो निकली एक बीमारी।

अब तो उसके नाम से भी मुझको लगता है डर,
अब घर में ही रहता हूं निकलता नही बाहर।

हाय अपना हाल ये मैंने क्या कर डाला,
हाय इश्क में मैंने अपना नाम तक बदल डाला।

प्रवेश कुमारपीके

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Hindi Ghazal On Bharat Desh

उलझी हुई है ज़िन्दगी मुसीबतों की डोर से,
ये आ रही है सदा दुआओं की किस ओर से.

गया था मैं समंदर में मच्छलियों से मिलने,
घेरा मुझे मगरमच्छों ने चारों ओर से.

चुनाव के बाद निगल गए सब जनता को.
वोट मांगने आए थे जो सब के सब चोर थे.

भ्रष्टाचारी की गाथा लिए फिरते हैं बहूत लोग,
देखे हैं मैंने आज कई चेहरे गौर से.

वीरानों में आया तो मारा है तन्हाई ने,
मुश्किल से बचकर आए थे भीड़ के शौर से.

अब कोई नया नामकरण करना होगा भारत का,
गूंजती है हर दिशा यहाँ गुनाहों के शौर से.

प्रवेश कुमारपीके

I Love You Shayari in Hindi

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Bewafa Ghazal For Girlfriend

बेवफ़ा ये तूने कैसा सितम किया है,
बहूत सहा है मैंने तूने जो दर्द दिया है.

चाहने को चाहता तुझे उम्रभर मैं,
अब ना चाहूँगा मगर ये इरादा किया है.

प्यार का मतलब वो क्या जाने,
जिसने उम्रभर सौदा किया है.

कांटो पे रखके दिल मेरा,
बेवफ़ा ने दिल रौंद दिया है.

मैंने मोहब्बत को अनमोल जाना,
उसने मेरा दिल ही तोल दिया है.

पैसों की ऐसी क्या चाहत,
दौलत से इश्क़ है उसने कह दिया है.

‘प्रवेश’ चला था दुनिया में,
भीड़ में भी अकेला हो गया है.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Jagjit Singh Ghazals Lyrics In Hindi

Ye inayate gazab ki,
ye bala ki meharbani,
Ye inayate gazab ki,
ye bala ki meharbani,

meri khariyat bhi puchi,
meri khariyat bhi puchi,
kisi aur ki jubani,
ye inayate ghazab ki,
ye bala ki meharbani,

mera gam rula chukka hai,
mera gam rula chukka hai,
tujhe bikhri julf waale,
ye ghata bata rahi hai,
ki baras chukka hai paani,
meri khariyat bhi puchi,
kisi aur ki jubani,
ye inayate gazab ki,

tera husn soo raha tha,
tera husn soo raha tha,
meri ched ne jagaya,
tera husn soo raha tha,
meri ched ne jagaya,

wo nigaah maine daali,
wo nigaah maine daali,
wo nigaah maine daali,
ki sawar gayi jawani,

meri khariyat bhi puchi,
kisi aur ki jubani,
ye inayate gazab ki,
ye bala ki meharbani,

meri bejuban aankho se,
gire hai chand katre,
meri bejuban aankho se,
gire hai chand katre,
wo samjh sake to aansu,
wo samjh sake to aansu,
n samjh sake to pani,
meri khariyat bhi puchi,
kisi aur ki jubani,

ye inayate gazab ki,
ye bala ki meharbani,
ye inayate gazab ki,
Shayar : Agyat
Sawar : Jagjit Singh

Best Ghazals in Urdu About Love

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Jagjit Singh Ghazal Songs In Hindi

Suna tha ki wo aayenge anjuman mein,
Suna tha ki wo aayenge anjuman mein,
suna tha ki unse mulaqat hogi,
Suna tha ki wo aayenge anjuman mein,

hame kya pata tha, hame kya khabar thi,
hame kya pata tha, hame kya khabar thi,
n ye baat hogi n wo baat hogi,
n ye baat hogi n wo baat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,

main kehta hu iss dil ko dil mein basa lo,
main kehta hu iss dil ko dil mein basa lo,
wo kehte hai humse nigaahe mila lo,
nighaao ko malum kya dil ki haalat,
nighaao ko malum kya dil ki haalat,
nighao-nighao mein kya baat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,
n ye baat hogi n wo baat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,

hame kichkar ishq laya hai tera,
hame kichkar ishq laya hai tera,
tere dar pe humne lagaya hai dhera,
hame hoga jab tak n deedar tera,
hame hoga jab tak n deedar tera,
yahi subah hogi yahi raat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,

mohabbat ka jab humne cheda fasana,
mohabbat ka jab humne cheda fasana,
to gore se mukhde pe aaya paseena,
jo nikle se ghar se to kya jante the,
jo nikle se ghar se to kya jante the,
ki yu dhoop mein aaj barsaat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,
n ye baat hogi n wo baat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,

khafa humse hokar wo bathe hue hai,
khafa humse hokar wo bathe hue hai,
rakibo mein girkar wo baithe hue hai,
n wo dekhte hai n hum dekhte hai,
yaha baat hogi to kya baat hoogi,
n ye baat hogi n wo baat hogi,
suna tha ki unse mulaqat hogi,

Shayar : Agyaat
Gayak: Jagjit Singh

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Hindi Ghazal Lyrics Collection

इन्तहा प्यार की हो जाए तो गौर करना,
बात हम पर आए तो गौर करना.

हमें बूरा समझकर बेशक छोड़ देना,
पर जाने से पहले दिलपर भी गौर करना.

अंधेरों की तलाश में जा रहे हो जंगल में,
वहां जुगनू टिमटिमाते हैं गौर करना.

हम दूर भले तुम जाओ राजनीति में,
वहां सांप बिच्छू भी हैं गौर करना.

आँखों में लालच, दिल में भ्रष्टाचार लेकर जाना,
वर्ना वहां सबसे बड़ी कुर्सी पे सांप मिलेगा गौर करना.

झूठ बोलता था तो सब सीने से लगाते थे,
सच बोल गया ‘प्रवेश’ अब क्या होगा गौर करना.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Latest Hindi Ghazal

हमारी आस्तीन में अब सांप पलते हैं,
लोग दिखावे का हमसे अब रिश्ता रखते हैं.

आ जाओ सामने एक बार जी भरके देखलूं,
आखिरी बस अब यही ख्वाहिश रखते हैं.

तुमने पाल ली है हमसे दुश्मनी दिल में,
हम तो तेरी ही चाहत की आरजू रखते हैं.

जब जी चाहे आ जाना मेरी अयादत को,
तेरी खातिर हम बचाकर आखिरी सांस रखते हैं.

बाकी उम्र हम गुजारेंगे अपनी मयखाने में,
वही एक छोटा सा आशियाना बनाकर रखते हैं.

जानते हैं के इंतजार की हदें भी टूट जाएँगी,
तेरे दीदार की तमन्ना फिर भी दिल में रखते हैं.

आ जाना जब ख़ाक में मिल जाएगा “प्रवेश”,
खिलने को तो कब्र पर भी फूल खिलते हैं

प्रवेश कुमारपीके

Heart Touching Ghazal SmS

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Very Very Sad Ghazal SmS

मेरे सब अपने मुझे भूला चुके हैं यहाँ,
बनके लाश अब दरिया में डूबा हुआ हूँ मैं.

इससे ज्यादा बदकिस्मती और क्या होगी,
आया था तूफ़ान सिर्फ बचा हुआ हूँ मैं.

खुद को भूल गया मगर उसे ना भूल सका,
उसको भुलाने में कब से लगा हुआ हूँ मैं.

आएगी जब मौत तो आज़ाद हो जायेगा ‘प्रवेश’,
इसी कोशिश में कब से ज़हर पीने लगा हुआ हूँ मैं.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Best Hindi Ghazal On India

ज़िन्दगी को किस दिशा में मोडूँ में,
सच्चाइयों से जहान की कब तलक मूह मोडूँ मैं.

नंगे बदन, खूली सडकों पे सो रहे हैं लोग,
ऐसा में भला कैसे चादर औढूं मैं.

किसी में नेकदिली वाली बात भी हो,
अब किस-किस से लड़ना छोडूं मैं.

अच्छाई कहाँ हजम होती सियासत वालों को,
अब बुराई से नाता कैसे जोडूँ मैं.

देश सेवा का जिम्मा लेकर उसी से विमुख हैं लोग,
इस देश की दुर्दशा से कैसे मुह मोडूँ मैं.

जीने की सुविधाएँ उपलब्ध नहीं लोगों को,
लेकिन अब बिन कुछ किये कैसे जीना छोडूं मैं.

प्रवेश कुमारपीके

Sad Urdu Ghazals by Famous Poets

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Ghazal On Bewafa In Hindi Font

ज़िन्दगी बेवजह हुई है प्यार करते करते,
मेरी हस्ती खत्म हुई है तुमपर मरते मरते.

खता बस इतनी हुई के इश्क़ किया,
अपनी इज्जत गवाई है हमने इश्क़ करते करते.

दौलत के बिन अधूरी है मोहब्बत,
समझ लेते गर इसे तो यूँ ना रोते.

कहाँ हो आंसुओं को मोती कहने वालो,
मैं हो गया हूँ फ़कीर रोते रोते.

जागकर भी खो दिया है सबकुछ,
देखना है क्या मिलेगा रोते रोते.

अब थक जाता हूँ बैठकर भी मैं,
पहले रुकता न था छालों में चलते चलते.

इश्क़ करो तो सोच समझकर करना,
वरना जीना पड़ेगा खुद को कोसते कोसते.

ज़िन्दगी बेवजह हुई है प्यार करते करते,
मेरी हस्ती खत्म हुई है तुमपर मरते मरते.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Hindi Motivational Ghazal On Dharam

वो देखो वहाँ अश्वमेघ का घोड़ा जा रहा है,
ये कहकर सबको उस तरफ मोड़ा जा रहा है।

भीड़ में जाने वाले सभी गुमराह हैं मगर,
फिर भी हर कोई बेतहाशा दौड़ा जा रहा है।

दंगों में सबने बराबर का वार किया था मगर,
बाद में इल्जाम एक दूसरे पे छोड़ा जा रहा है।

यहाँ तो ईद दिवाली सब मिलकर बनाते थे
फिर यहाँ क्यूँ धर्म के नाम बम फोड़ा जा रहा है।

प्रवेश कुमार  “पीके”

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Bewafa Ghazal Songs In Hindi

करता रहा वफ़ा मैं तमाम उम्र,
मोहब्बत का उसपर हुआ ना असर,

इश्क़ को उसने खेल समझ रखा था,
मेरे दर्द का मैंने किसी से ना किया जिक्र.

आधी ज़िन्दगी बीती उसे अपना बनाने में,
अब उसे भुलाने में गुजरेगी बाकी उम्र,

मौत के बाद मुझे मिल जाएगी जन्नत ‘प्रवेश’,
बस खुदवा देना तुम बेवफ़ा से मेरी कद्र.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Long Hindi Sad Ghazal

मोहब्बत से जब हम दूर थे ठहरे,
याद आते हैं अब वो दिन सुन्हेरे.

कज़ा आई थी भेश बदलकर सामने,
मुझे लगे बहूत हसीन वो चेहरे.

प्यार की जंजीरों ने जकड़ा हमको,
इश्क़ के हमपर लगने लग गए पहरे.

रुसवा जबसे हमें वो करके गयी,
पड़े हुए हैं हम तबसे बिखरे बिखरे.

अब हिज्र का मौसम रहता है,
आँखों से बरसते रहते हैं फव्वारे.

आशियाना मेरा पहले रहता था रोशन,
अब मेरे घर में बस रहते हैं अँधेरे.

बस ये शबे-गम रो कर बिता लूँ,
आ जाएगी मौत मुझको कल सवेरे.

अपने दम से जिन्दा है आज ‘प्रवेश’,
कल चार कांधों के चाहियेंगे सहारे

प्रवेश कुमारपीके

Love Ghazal in Urdu and Hindi

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Hindi Ghazal Shayari On December

आ गई सर्दी अब लगता नहीं मन,
सुनसान है मेरे दिल की सरहद,
सूना पड़ा है मेरा आँगन.
बस मेरे घर में है अँधेरा ,
बाकी पूरा शहर है रोशन.

निकला हूँ मैं मोहब्बत की तलाश में,
कभी है गम-ए-रात कभी गम-ए-दिन.

पड़ी है शबनमी ऑस की बूंदे,
शीली हवाओं से होती है चुभन,

पुकारा है वफाओं को बिना रुके,
निकलते है आंसू दुखता है मन,

सूख गया है अश्कों का समंदर,
कैसे बुझाऊँ अन्दर की अग्न.

ख़ाक हो गया एक और परवाना,
उजड़ गया आज एक और चमन,

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Sad Ghazal Shayari On Zindagi

ज़िन्दगी दी किसी ने नाम किसी के करदी,
हमने अपनी ज़िन्दगी खुद बर्बाद करली,

मोहब्बत को काम समझने वालों,
मौजों में अपनी तुमने, कितनी ज़िन्दगी गुमनाम करदी.

खेलना है तो खुद से खलो,
अपने खेल में मेरी ज़िन्दगी खेल करदी.

मेरी डूबी हुई कश्ती को किनारा ना मिला,
ये मेरे नाम तूने कोनसी बस्ती कर दी.

मुर्दा हूँ जिंदा होते हुए भी मैं,
मरकर भी हूँ जिंदा, ज़िन्दगी कमाल कर दी.

बडबडाते हुए तमाम उम्र गुजरी,
दो लफ्ज़ ना बोल सका सुबह से शाम कर दी.

ज़िन्दगी दी किसी ने नाम किसी के करदी,
हमने अपनी ज़िन्दगी खुद बर्बाद करली,

प्रवेश कुमारपीके

Sad Ghazal in Urdu for Boyfriend

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Miss u Ghazal Sms In Hindi For Boyfriend

तुमसे जुड़ी हर बात याद आएगी,
अपनी ये दूसरी मुलाकात याद आएगी।

लबों से ना हो पाई कोई भी बात,
मगर फिर भी ये बात याद आएगी।

गुजरा था हर लम्हा तुम्हारे दीदार में,
कितनी थी हसीन ये रात याद आएगी।

कदमों का फासला भी मीलों सा था,
ऐसे भी होती है मुलाकात याद आएगी।

दोनों के दिलों का हाल अलग-अलग था,
ये अलग अलग सवालों वाली बात याद आएगी।

कितनी थी बंदिशें और मजबूरी दिलों की,
मजबूरियों वाली ऐसी ये रात याद आएगी।

खुली जुल्फों में एक चाँद सा चेहरा ,
उस रात चाँद से हुई मुलाकात याद आएगी।

तुमसे जुड़ी हर बात याद आएगी,
अपनी ये दूसरी मुलाकात याद आएगी।

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Aadmi, Aadmi Ko Kya Dega, Jo Bhi Dega

Aadmi, aadmi ko kya dega,
Jo bhi dega wahi khuda deha,

mera qaatil mera munsil hai,
Kya mere haq mein fasla dega,

Aadmi, aadmi ko kya dega,
Jo bhi dega wahi khuda deha,

jindagi ko kareeb se dekho,
iska chehra tumhe ruka ega,

Aadmi, aadmi ko kya dega,
Jo bhi dega wahi khuda deha,

humse pucho dosti ka dosti ka sila,
dushmano ka dil mila dega,

ishq ka jehar pee liya fakir,
jab naseeba ko kya dawa dega,

Aadmi, aadmi ko kya dega,
Jo bhi dega wahi khuda deha,

Shayar : Sudarshan Faakir
Ghazalkaar : Jagjit Singh And Chitra

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Broken Heart Ghazal In Hindi

मैं इंसान हूँ मुझे इंसान ही रहने दो,
ये दर्द है मेरा मुझे अकेले ही सहने दो,

सो रहा था जिन्दा लाशो में सदियों से,
आज उठा हूँ मुझे कुछ तो कहने दो,

एक तीर सा चुभता रहता है सीने में,
मत छेड़ो उसे, ऐसे ही रहने दो,

हर कोई खेलता है मेरे ज़ज्बातों से,
आज मेरा मन है मुझे भी खेलने दो.

तुम लखपति सही अपने घर में हो,
मैं फ़कीर हूँ मुझे फ़कीर ही रहने दो.

मंदिर मस्जिदों में नहीं जाना मुझे,
मेरा भगवान् मेरे अंदर है उसे अंदर ही रहने दो.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Hindi Ghazal With Lyrics

ईमारत ही ईमारत चारों और है,
कोई बताये इंसानों का बसेरा किस और है.

भोली भाली सूरत देखी इंसान अच्छे लगे,
दिलों में देखा सब के सब चोर हैं.

सुनसान जगह पर भी रहने नहीं देता,
ना जाने ये अन्दर कैसा शौर है.

मौत नहीं आ सकती मुझे मंजिल से पहले,
साँसों से मेरी ज़िन्दगी की बंधी डोर है.

कैसे माँगू भगवान् से अपने लिए कुछ,
जिसको तुम भगवान् कहते ये भगवान् और है.

प्रवेश कुमारपीके

Hindi Ghazal Lyrics for Your Lover

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Hindi Broken Heart Ghazal

हम हैं वही बस मुश्किलें बढ़ गई,
मंजिल आने से पहले हालात बदल गई.

पहले चाहत और थी अब चाहत कुछ और है,
इस तरह ज़िन्दगी बेमकसद सी रह गई.

गुमनामी में थे तो ठीक थे हम,
नाम हुआ तो दिक्कतें भी बढ़ गई.

शर्म थी, हया थी, प्यार की रस्में भी थी,
अब इश्क़ केवल बर्बादी की वजह रह गई.

क्या करूँ फैसला असमंजस में हूँ,
ज़िन्दगी चुपके से कान में क्या कह गई.

प्रवेश कुमारपीके

Best Ghazal Collection

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Sad Ghazal Lyrics In Hindi Font

प्यार करता हूँ तुमसे मगर तुम्हे अपना नहीं सकता,
हाय रस्मे दुनिया की तुम्हे अपना बना नहीं सकता.

मेरी छोटी सी खता पे वो खफ़ा हो गयी.
मुँह से निकली बात को मैं वापिस ला नहीं सकता,

मेरी सारी बस्ती में हैं खौफनाक अँधेरें,
रोशनी के लिए मैं अपना घर जला नहीं सकता.

हैं कंधो पे मेरे बोझ कई सारे ,
अब कंधो से नीचे भी उनको उतार नहीं सकता.

दिल में नस्तर सा चुभो गई है एक बात,
उस बात को दिल से भी निकाल नहीं सकता.

मुझको क्या संभालोगी तुम खुद संभल जाओ,
मेरी डूबती कश्ती को कोई पार लगा नहीं सकता.

अपने हाल पर खुश है “प्रवेश” उसे रहने दो,
आग के घेरों में हर कोई घर बना नहीं सकता.

प्रवेश कुमार ।पीके

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Sad Best Ghazal Collection About Life

गाँव हो शहर हो कैसे जी रहे हैं लोग,
हवा के नाम पर जहरीली हवा पी रहे हैं लोग,

शुद्धता सिर्फ मार्कों में बंधके रह गयी,
अब पानी वाला दूध सब पी रहे हैं लोग,

कल बस्ती में आया था एक जादूगर ,
आज भगवान को उसीमे खोज रहे हैं लोग.

मीरा, कबीरा क्या इसी धरती पे रहते थे,
फिर अब इस दुनिया के कैसे हो गए हैं लोग.

अब जा रहा है ‘प्रवेश’ भी अपने घर को ,
यहाँ तो सदियों से सब सो रहे हैं लोग.

प्रवेश कुमार ।पीके

Best Ghazal Collection

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Sad Ghazal In Hindi Font

मेरी छत से जब जुगनू होकर गुजरते हैं,
मेरे दिल में तब तेरी याद के दर्द उभरते हैं.

शबे-वस्ल को भुला नहीं हूँ मैं अब तक,
उन्हें याद करके अब हिज्र के दिन गुजरते हैं.

हर महफ़िल में जिनके वादों के चर्चे थे,
अब वो बज़्म में अपने वादों से मुकरते हैं.

वो कहते हैं नहीं कोई रिश्ता हमसे तुम्हारा,
मैं दिल को बहला रहा हूँ कि वो मजाक करते हैं.

बहूत देख लिया तूने चाँद को “प्रवेश”,
रात कट जाएगी चल अब तारों को गिनते हैं.

प्रवेश कुमार ।पीके”’

Bewafa Ghazal In Hindi

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Dard Bhari Best Ghazal Collection

कटते-कटते ही कटती हैं तुझसे बिछड़ के रातें,
नींद आएगी जिस दिन करूँगा तुमसे ख्वाब में बातें,

जिंदगी मुझे मेरी यूँ बोझ नहीं लगती,
गर तुम मुझे जुदाई की जायज़ कोई वजह बताते.

तेरी बेवफाई के किस्से अब सुनने में आते हैं,
पहले पता चल जाता तो हम दिल ना लगते.

मयखानों में अब हमारी रात गुजरती है,
दिनभर बेहोश रहते हैं हम होश में नहीं आते.

हुस्ने-इश्क़ नीलम करने में मजा क्या है? “प्रवेश”
पूछूँगा उनसे गर नसीब हुई कभी मुलाकातें.

प्रवेश कुमार ।पीके