20+ Collection of Aarti Sangrah in Hindi

Aarti Sangrah in Hindi

Aarti Sangrah in Hindi

Aarti Shri Ganesh Bhagwan Ji Ki

आरती श्री गणेश जी की

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा !
माता जानकी पार्वती पिता महादेवा !!

लड्दुँ का भोग लगे संत करे सेवा
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी !!
मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी !! जय ..

अनधन को आँख देता कोधीन को काय !
बंज्हन को पुत्र देता निर्धन को माया !! जय …

हार चढ़े फूल चढ़े फूल चढ़े   और चढ़े मेवा
सब काम सिद्ध करे श्रीगणेश देवा !! जय …

जय गणेश देवा प्रभु जय गणेश देवा ,
विघन विनाशक स्वामी
सूख संपत्ति देवा !! जय …

पारवत के पुत्र कहावो शंकर सूत स्वामी ,
गजानंद गन नायक
शंकर सूत स्वामी !! जय….

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Sai Baba Ji Ki In Hindi

आरती श्री साईं बाबा की

आरती श्री साईं गुरुवार की ,
परमानन्द सदा सुखवार की !!
जाकी कृपा विपुल सुखकारी ,
दुःख , शोक , संकट , भयहारी !!

शिर्डी में अवतार रचाया ,
चमत्कार से तत्वा दिखाया !!
कितने भक्त चरण पर आए ,
वे सूख – शांति चिंतन पाए !!

भाव धरे जो मन में जेसे ,
पवन अनुभव वो ही वेसा !!
गुरु की ऊदी लगावे तान को ,
समाधान लाभत उस मन को !!

साईं नाम सदा जो गावें ,
सौ फल जग में शाश्वत पावें !!
गुरुवार करी पूजा सेवा ,
उस पर कृपा करत गुरुदेव !!

राम , कृष्णा , हनुमान ,
रूप में दे दर्शन जानत जो मन में !!
विधि धरम के सेवक आते ,
दर्शन कर इच्छित फल पाते !!

जय बोलो साईं बाबा की !
जय बोलो अवधूत गुरु की
“ साईं दास “ आरती की गावें ,
बसी घर में सूख पावे !!

Kishore Kumar Songs Lyrics

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Aarti Shri Shiv ji Ki In Hindi Font

आरती श्री शिवजी की

जय शिव ओकारा हर शिव ओकारा ,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धरा !
एकानन चतुरानन पंचानन साजे ,
हंसानन गरुडासन वृषवाहन साजे !!

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे ,
तीनो रूप निरखता त्रिभुवन जग मोहे !
अक्षमाला , वनमाला , मुंडमाला धारी !
चन्दन मृगमद सोहे भोले शुभकारी !!

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघअम्बर अंगे ,
सनकादिक ब्रम्हादिक भूतादिक संगे !
कर मध्ये सु कमंडल चक्र त्रिशूल धर्ता ,
जगकर्ता जगहर्ता जग्पलानकर्ता !!

भ्रमह विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ,
प्रणवाक्षर के मध्य तीनो एक !
त्रिगुण   शिव की आरती जो कोई नर गावे ,
कहत शिवानन्द स्वामी मंवांचित फल पावे !!

जय शिव ओकारा हर शिव ओकारा ,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धरा !

Aarti Sangrah in Hindi

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Shri Hanuman Ji Ki Aarti In Hindi Font

आरती श्री हनुमान जी की

आरती की जय हनुमानम लाला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
जाके बल से गिरिवर काँपे , रोग दोष जा के निकट न झांकें
अनजानी पुत्र महा बल दाई , संतान के प्रभु सदा सहाई

दे बीरा रघुनाथ पठाए , लंका जारी सिया सुधि लाए
लंका सोकोट समुन्दर सी खायी जात पवन सूत बार न लायी
लंका जारी असुर संहारे , सियारामजी के काज सवारे

लाक्स्मन मुर्चित पड़े सकारे , आणि संजीवन प्राण उबारे !
पैठी पटल टोरी जैम कारी , अहिरावन की भुजा उखारी
बायें भुजा असुर दल मारे , दायें भुजा संत जन तारे

सुर नर मुनि आरती उतारें , जय जय जय हनुमान उचारें
कंचन थाल कपूर लौचायी , आरती करत अंजना माई

जो हनुमान जि की आरती गावें , बसी बैकुंठ परम पद पावें !
लंक्ज विध्वंस किये रघुराई , तुलसीदास स्वामी आरती गाई

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Aarti Shri Ambe Maa Ji Ki

ॐ जय अम्बेगोरी , मैयां जय श्यामा गोरी !
तुमको निशिदिन ध्यावत हरीभ्रमह शिवजी !

जय अम्बे !!

माँग सिन्दूर विराजत टीको मृगमद को !
उज्जवल से दोउ नैना चंद्रवंदन नीको !!

जय अम्बे !!

कनक सामान कलेवर रक्ताम्बर राजे !
रक्त पुष्प गल माल कंठन पर साजे !!

जय अम्बे !!

केहरी वाहन राजत खडग खप्पर धरी !
सुर नर मुनिजन सेवत तिनके दुःख हारी !!

जय अम्बे!!

कानन कुंडल शोभित नासाग्रे मोती !
कोटिक चन्द्र दिवाकर रजत सैम ज्योति !!

जय अम्बे!!

शुम्भ निशुम्भ विदारे महिशासुर घाती !
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मतदाती !!

जय अम्बे !!

चंड मुंड संहारे , शोणित बीज हरे !
मधु- कैटभ दौऊ मारे , सुर भयहीन करे !!

जय अम्बे !!

ब्रम्हाणी , रुद्रानी, तुम शिव पटरानी !! जय अम्बे!!
चौंसठ योगिनी मंगल गावत , नृत्य करत भैरूं बजत डमरू !!

जय अम्बे!!

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी !
मन वंचित फल पावत सेवत नर नारी !!

जय अम्बे !!

तुम ही हो जग की माता , तुम ही हो भरता !
भक्तन की दुःख हरता , सूख संपत्ति करता !!

जय अम्बे !!

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाटी !
श्री माल केतु में रजत कोटि रतन ज्योति !!

जय अम्बे !!

श्री अम्बे जि की आरती जो कोई नर गावे !
कहत शिवानन्द स्वामी , सूख संपत्ति पावे !!

जय अम्बे !!

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Maa Durga Ji Ki

अम्बेतू है जगदम्बे कलि ,
जय दुर्गे खप्पर वाली ,
तेरे ही गुण गावें भारती ,
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती
तेरे भक्त जानो पर माता पीर पड़ी है भारी !
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी !!

सौ सौ सिंहों से है बलशाली , अष्ट भुजाओं वाली !
दुष्टों को तू ही ललकारती ! ओ मैयां…
माँ बेटे का इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता !
पूत कपूत सुने हैं , पर न माता सुनी कुमाता !!

सबपे करुणा दरसाने वाली
अमृत बरसाने वाली ,
दुखिओं के दुखड़े निवारती ! ओ मैयां….
नहीं मांगते धन और दौलत न चाँदी न सोना !
हम तो मांगें माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना !!

सबकी बिगड़ी बनाने वाली , लाज बचने वाली ,
सतियों के सैट को संवारती ! ओ मैया …
चरण शरण में खड़े तुम्हारी , ले पूजा की थाली !
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली !
माँ भक्ति रस प्याली , अष्ट भुजाओं वाली ,
भक्तों के कारज तू ही सारती ! ओ मैयां….

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Bala Ji kI Lyrics

जय श्री बालाजी , महाराज , अनोखी टिहरी झांकी !
जय श्री घाटे वाले हनुमान ,
अनोखी तिहोरी झांकी !! टेक !!

तिहारे सर पे मुकुट बिरेजे , कानो के कुंडल सजे !
गले बिराजे अनुपम हार , अनोखी टिहरी झांकी !

तिहारे नयन सुरमा सजे , माथे पी तिलक विराजे !
मुख में नगर पान लगा है , अनोखी टिहरी झांकी !

तेरे हथ में लड्डू साजे , दूजे में ध्वजा विराजे !
बाबा रोम रोम में राम , अनोखी तिहारी झांकी !

जब लाक्स्मन मुर्छित पाए ! तुम संजीवन बूटी लाए !
बाबा लीनु पहाड़ उठाये अनोखी टिहरी झांकी !

जब रावण मार गिरायो , तब राज्य विभीषण पायो
सीता लायो साथ लिवाय , अनोखी टिहरी झांकी !

दूर दूर से यात्री आवे तेरे चरणों में शीश नवाए !
बाबा उनकी लज्जा राख , अनोखी टिहरी झांकी !

बाबा दुनिया करे पुकार , दुखिया खड़े है तेरे द्वार
दुखिओं के दुःख तू दे हार , हो रहा मंगलचार !

दुखिओं के दुःख तू दे तार हो रहा मंगलचार !
जय श्री बालाजी महाराज , अनोखी टिहरी झांकी
में दुखिया तेरे दर आया ,

आकर अपना कष्ट सुनाया !
कर दो मेरा पार , अनोखी टिहरी झांकी

Aarti Sangrah in Hindi

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Om Jai Jagdish Hare Aarti

आरती ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु जय जगदीश हरे !
भक्त जानो के संकट, क्षण में दूर करे ! ॐ …

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विन्से मन का ,
सूख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तान का ! ॐ ..

माता पिता तुम मेरे, शरण गहूं में किसकी ,
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ में जिसकी ! ॐ..

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी, स्वामी तुम ..
परब्रम्ह परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ! ॐ ..

तुम करुना के सागर तुम पालन करता, स्वामी तुम ,…
में मुरख खल खामी, कृपा करो भरता ! ॐ ..

तुम हो एक अगोचर, सबके प्रानपति, स्वामी तुम ..
किस विधि मिलु दयामय, तुमको में कुमति ! ॐ …

दीनबंधु दुःख हरता , तुम ठाकुर मेरे , स्वामी तुम …
अपने हाथ उठाओ , पाप हरो देवा , स्वामी तुम ..
श्रद्धा भक्ति बढाओ , संतान की सेवा ! ॐ ..

तान – मन धन जो कुछ है ,
सब कुछ   है तेरा , स्वामी सब…
तेरा तुज्को अर्पण , क्या लागे मेरा ! ॐ …

ॐ जय जगदीश हरे , प्रभु जय जगदीश हरे !
भक्त जानो के संकट , क्षण में दूर करें ! ॐ ..

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Vaishno Devi Ki In Hindi

आरती माता वैष्णो देवी की

जय वैष्णव माता , मैया जय वैष्णव माता !
द्वार तुम्हारे जो भी आता ,
बिन मांगे सब कुछ पा जाता
तू चाहे जो कुछ भी कर दे ,
जो चाहे तो जीवन दे दे
रजा रंक बने तेरे चेले,
चाहे पल में जीवन ले ले
मौत जिंदगी हाथ तेरे मैया }
तू है लट्टा वाली
निर्धन को धनवान बना दे
मैया तू है शेराँ वाली

पापी होए या होए पुजारी,
रजा हो या रांक भिखारी !
मैया तू है जोतां वाली
भाव सागर से तारण हारी !!
तूने नाता जोड़ा सबसे ,
जिस जिस ने जब तुझे पुकारा ,
शुद्ध हृदय से जिसने ध्याया
दिया तूने सबको सहारा
में मुरख अज्ञानी अनारी ,
तू जगदम्बे सबको प्यारी !
मन इच्छा सिद्ध करने हारी ,
अब है बृजमोहन की बारी !

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Shanidev Ji Ki

आरती श्री शनिदेव जी की

जय जय श्री शनिदेव
भक्तन हितकारी !
सूरज के पुत्र प्रभु चाय महतारी !!
जय जय ……
श्याम अंक वक्र दुष्ट
चतुर्भुजा धारी !
नीलाम्बर धार नाथ गज की !!

जय जय …
क्रीट मुकुट शीश सहज
दीपत है लिलारी !
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी !!
जय जय …

मोदक मिष्ठान पान चढत है सुपारी !
लोहा टिल तेल उडद महिषी अति प्यारी !!
जय जय …

देव दनुज ऋषि मुनि
सूरत नर नारी !
विश्वनाथ धरत शरण है तुम्हारी !!
जय जय

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Krishan Ji Ki In Hindi

आरती श्री कृष्णा जि की

ॐ जय श्री कृष्णा हरे ,
प्रभु जय श्री कृष्णा हरे !
भक्तन के दुःख सरे पल में दूर करे !
परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी !

कर कंचन कटी सोहत कानन में बाला
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला
दीन सुदामा तारे दरिदों के दुःख तारे
गज के फंड छुडाये भाव सागर तारे

दामोदर छवि सुन्दर भक्तन के प्यार
कली नाग नथिया नटवर नटवर छवि सोहे !
फेन – फेन नचा करते नागन मन मोहे !
राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे !

द्रुपद सुता पत राखी करुणा लाज भरे !
ॐ जय श्री कृष्णा हरे !

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Jai Santoshi Mata Ki

जय संतोषी माता , मैया जय संतोषी माता !
अपने सेवक जन को सूख सम्पति दाता !!
जय..

सुन्दर चीर सुनहरी ,माँ धारण कीन्हो !!
हीरा पन्ना दमके , तान श्रृंगार लियो !!
जय …

गेरू लाल छठा छवि , बदन कमल सोहे !
मंद हंसत करुणामयी , त्रिभुवन मन मोहे !!
जय …

स्वर्ण सिंहासन बैठी , चंवर धूरे प्यारे !
धुप दीप मधु मेवा , भोग धरे न्यारे !!
जय…

गुड़ अरू चना परमप्रिय , तामें संतोष किओ !
संतोषी कहलाई , भक्तन विभव दियो !!
जय ..

शुक्रवार प्रिय मानत , आज दिवस सोही !
भक्त्मंदाली चाई , कथा सुनत मोहि !!
जय ..

मंदिर जगमन ज्योति , मंगल ध्वनि चाई !
विनय करें हम बालक , चरनन सर नई !!
जय…

भक्ति भावमय पूजा , अंगीकृत कीजै !
जो मन बसी हमारे , इच्छा फल दिजी !!
जय…

दुखी, दरिद्री, रोगी, संकट मुक्त किये !
बहु, दरिद्री, रोगी संकट मुक्त किये !
बहु धन – धान्य भरे धर ,
सूख सौभाग्य दिये !!
जय …

ध्यान धरयो जिस नर ने, वंचित फल पायो !
पूजा कथा श्रवन कर, धर आनंद आयो !!
जय…

शरण गाहे की लज्जा , राखिओ जगदम्बे !
संकट तू ही निवारे , दयामाही आंबे !!
जय …

संतोषी माँ की आरती, जो कोई नर गावे !
रिद्धि सिद्धि सूख संपत्ति, जी भर के पावे !!
जय..

Aarti Sangrah in Hindi

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Saraswati Mata Ji Ki Aarti

जय सरस्वती माता
जय जय सरस्वती माता
सद्गुण वैभव शालिनी ,
त्रिभुवन विख्याता !! जय …

चंद्वादाती पदामसिनी , धाती मंगलकारी !
सोहे शुभ हंस सवारी ,
अतुल तेजधारी !! जय …

बायें कर में वीणा , दायें कर माला
शीश मुकुट मणि सोहे ,
गल मोतियाँ माला !! जय …

देवी शरण जो आए उसका उद्धार किआ !
पैठी मंथरा दासी ,
रावण संहार किआ !! जय …

विद्या ज्ञान प्रदायिनी , ज्ञान प्रकाश भरो !
मोह और ज्ञान तिमिर का ,
जग से नाश करो १! जय …

धुप दीप फल मेवा , माँ स्वीकार करो !!
ज्ञान दीप फल मेवा , माँ स्वीकार करो !
ज्ञान चक्षु दे माता ,
जग निस्तार करो !! जय ..

माँ सरस्वती की आरती ,
जो कोई जन गावे !!
हितकारी , सुखकारी ,
ज्ञान भक्ति पावे !! जय…

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Mahalakshmi Ji Ki In Hindi

आरती महालक्ष्मी जी की
ॐ जय लक्ष्मी माता ,
मैया जय लक्ष्मी माता !
तुमको निष् दिन सेवत हर विष्णु विधाता !!
ॐ …

उमा रमा ब्रम्हाणी , तुम ही जग माता !!
सूर्य चन्द्रमा गावत नारद ऋषि गाता !! ॐ …

दुर्गा रूप निरंजिनी , सूख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता , रिद्धि सिद्धि धन पाता
तुम पटल निवासिनी , तुम ही शुभ दाता !! ॐ

करम – प्रभाव प्रकाशिनी , भाव निधि की त्राता !!
ॐ …
जिस घर में तुम रहती , सब सद्गुण आता !
सब संभव हो जाता ,
मन नहीं घबराता !! ॐ ..

तुम बिन यज्ञ न हॉवे वस्त्र न कोई पाता

खां – पण का वैभव , सब तुमसे अत !! ॐ
शुभ गुण मंदिर सुन्दर , शीरोदाधि जाता !
रतन चतुर्दश तुम बिन , कोई नहीं पाता !! ॐ ..

महलक्ष्मी जि की आरती , जो कोई नर गाता !
उर आनंद समता , पाप उतर जाता !! ॐ ………….

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Satyanaryan Ji Ki In Hindi

आरती श्री सत्यनारायण जी की
जय श्री लक्ष्मीरमणा , जय श्री लक्ष्मीरमणा !!
सत्यानारयाना स्वामी ,
जन पातक हरणा !! जय !!

रतन जडित सिंहासन , अद्भुत छवि राजे !!
नारद करत निराजन ,
घंटा ध्वनि बजे !! जय !!

पप्रकट भये कलीकारण , द्विज को दरस दियो !!
बूढो ब्राह्मण बनके ,
कंचन महल किओ !! जय !!

दुर्बल भील कठारे , जिन पर कृपा करी !
चंद्रचूड एक रजा , जिनकी विपत्ति हरी !! जय !!

वैश्य मनोरथ पायो , श्रद्धा तज दीन्ही !
सो फल भाग्यो प्रभुजी
फिर अस्तुति किन्ही !! जय !!

भाव भक्ति के कारण , चीन – चीन रूप धर्य
श्रद्धा   धारण किनी ,
जिनको काज   सरयो !! जय !!

ग्वाल – बाल संग रजा , बन में भक्ति करी !
मन वंचित फल दीन्हो , दीनदयालु हरी !! जय !!

चढत प्रसाद सवायो , कदली फल मेवा !
धुप दीप तुलसी से , राजी सत्यददेवा !! जय !!

श्री सत्यनारायण जि की आरती जो कोई नर गावे !
कहत शिवानन्द स्वामी मंवांचित फल पावे !! जय !!

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Kaali Mata Ji Ki In Hindi

मंगल की सेवा , सुन मेरी देवा ,
हाथ जोड़ तेरे द्वार खड़े !

पान सुपारी ध्वजा नारियल , ले ज्वाला तेरी भेंट धरे !
सुन जगदम्बे कर न विलम्बे , संतान के भण्डार भरे !
संतान प्रतिपाली , सदा खुशाली , जय कलि कल्याण करे !
बुद्धि विधाता तू जगदम्बा , मेरे कारज सिद्ध करे !

चरण कमल का लिया आसरा , शरण तुम्हारी आन परे !
जब जब भीड़ पड़ी भक्तन पर , तब तब आय सही करे !
बार बार तैं सब मोहि , तरुनी रूप अनूप धरे !
माता होकर पुत्र खिलावे , कहीं भार्या बन भोग करे !

संतान सुखदायी सदा सहाई , संत खड़े जेकर करें !
ब्रह्मा , विष्णु , महेश फल लिए , भेंट देने तेरे द्वार खड़े !
अटल सिंहासन बेठी माता , सर सोने की छात्र फिरे !
वार शनिश्चर कुमकुम वरनी , जब ल्क़न्कूद पर हुकुम करे

खग खप्पर त्रिशुल हाथ लिए , रक्तबीज को भस्म करे !
शुम्भ निशुम्भ क्षणही में मारे , महिषासुर को पकड़ डालें
आदित वारी आदि की वीर , जन अपने का कष्ट हरे !
कुपित होय के दानव मारे , चंड मुंड सब दूर करे !

जब तुम देखो दया रूप हो , पल में संकट दूर करें
सौम्य स्वभाव धर्यो मेरी माता , जानकी अरज कुबूल करो
सात बार की महिमा बरनी , सब गुण कौन बखान करे
सिंह पीठ पर चढ़ी भवानी , अटल भवन में राज करे

दर्शन पावें , मंगल गावें सिद्ध साधन तेरी भेंट धरें
ब्रह्मा वेड पढ़े तेरे द्वारे , शिव शंकर हरी ध्यान करे !
इन्दर कृष्णा तेरी करे आरती चंवर कुबेर धुलाये रहे !
जय जननी जय मातु भवानी , अचल भवन में राज करे !

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Khatu Shyam Ji Ki In Hindi Font

ॐ जय श्री श्याम हरे ,
बाबा जय श्री श्याम हरे !
खाटू विराजुअत , अनुपम रूप धरे ! ॐ जय…

रतन जडित सिंहासन , सर पर चंदर दूरे !
तान केसरिया , सर पर चंदर दूरे !
तान केसरिया बागो ,
कुंडल श्रवन पड़े !! ॐ जय …

गल पुष्पों की माला , सर पर मुकुट धरे !
खेवट धुप अग्नि पर , दीपक ज्योति जले !!
ॐ जय …

मोदक खीर चूरमा , सुवरण थाल धरे !
सेवक भोग लगावत , सेवा नित्य करें !! ॐ जय …

झांज कटोरा और घडियावल , शंख मृदंग धुरे !
भक्त आरती गावें ,
जय जैकार करें !! ॐ जय …

जो ध्यावे फल पावे , सब दुःख से उबरे !
सेवक जन निज मुख से ,
श्री श्याम – श्याम उचारे !! ओपीएम जय …

श्री श्याम बिहारीजी की आरती जो कोई नर गावे !
कहत आलूसिंह स्वामी , मंवांचित फल पावे !! ॐ जय…

जय श्री श्याम हरे , बाबा जय श्री श्याम हरे !
निज भक्तों को तुमने पूरण   पूरण काज करे !! ॐ जय …

Aarti Sangrah in Hindi

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Aarti Shri Ramchander Ji Ki In Hindi

श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन ,
हरण भाव भय दारुणम नवकंज लोचन ,
कंज मुख कर – कंज
पद – कंजारुणम !!

कंदर्प अगणित अमित छवि ,
नवनील – नीरद – सुन्दरम !
पटपीत मानहु तडित रूचि ,
सूचि नौमी जनक सुता – वरम !!

भजु दीनबंधु दिनेश दानव –
दैत्य वंश – निकन्दनं
रघुनंद आनंद कन्द कौशल्चंद्र
दशरथ – नद्नम !!

सर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदार
अंग विभुशनम !
आजानुभुज शर चाप धर
संग्राम – जित खर दुर्शनम !!

आईटीआई वदति तुलसीदास शंकर –
शेष – मुनि मन रंजनम !
मम हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खल गंतनम !!

Aarti Sangrah in Hindi